देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को गति मिलने की उम्मीद:
- मोहाली स्थित सरकारी सेमीकंडक्टर लैब (एससीएल) के आधुनिकीकरण के लिए 9 बोलियां प्राप्त हुई हैं।
- टाटा समूह, टावर सेमीकंडक्टर, और टेक्सास इंस्ट्रुमेंट्स जैसी बड़ी कंपनियों ने रुचि दिखाई है।
- सरकार ने एससीएल के पुनरुद्धार के लिए 8,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण:
- एससीएल भारत में सेमीकंडक्टर बनाने वाली अकेली यूनिट है।
- यह रणनीतिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए चिप बनाता है।
- चंद्रयान मिशन के लिए भी चिप इसी लैब में बनाए गए थे।
अत्याधुनिक चिप बनाने का लक्ष्य:
- सरकार चाहती है कि एससीएल 65 एनएम और 40 एनएम वाले चिप बनाने में सक्षम हो।
- 180 एनएम वाले चिप का इस्तेमाल काफी सीमित है।
सरकार की पहल:
- सरकार ने चिप के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10 बिलियन डॉलर की पीएलआई स्कीम लाई है।
- टाटा समूह गुजरात में चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगा रहा है।
एससीएल के पुनरुद्धार से भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। यह देश को रणनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने में भी मददगार होगा।
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